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टोगोलीस रिपब्लिक (टोगो)

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  टोगोलीस रिपब्लिक (टोगो) टोगो पश्चिम अफ्रीका छोटा देश है। 18वी शताब्दी में भारत से लोग वहां गये थे हिंदु धर्म मानने वालो की संख्या अधिक है। वर्ष 2018 में रामायण का डाक टिकिट जारी किया गया था। 

नेपाल द्वारा रामायण पर जारी डाक टिकिट

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 नेपाल द्वारा रामायण पर जारी डाक टिकिट नेपाल एक हिंदु राज्य है वर्ष 1967 में राम नवमी के अवसर पर 15 पैसे का राम सीता पर डाक टिकिट और प्रथम दिवस आवरण जारी किया गया था। वर्ष 1976 में राजा जनक पर 2.5 रू. का डाक टिकिट जारी किया गया था। वर्ष 1991 में राम सीता के विवाह पर 1 रू. का डाक टिकिट जारी किया गया था। वर्ष 1968 में सीता जयंती के अवसर पर 15 पैसे का डाक टिकिट जारी किया गया था। 

श्रीलंका द्वारा रामायण पर जारी डाक टिकिट

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  श्रीलंका द्वारा रामायण पर जारी डाक टिकिट सीता अम्मन मंदिर श्रीलंका में राजकुमारी सीता को समर्पित एकमात्र हिंदु मंदिर है। यह श्रीलंका के महत्वपूर्ण स्थलों में से एक है क्योंकि इसका उल्लेख रामायण में मिलता है। सीता अम्मन मंदिर नवारा एलिया में स्थित है। रामायण महाकाव्य के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि हनुमान ने श्रीलंका छोड़ने से पहले इस क्षेत्र को जला दिया था। सीता अम्मन मंदिर के पास स्थित जलधारा के पास आज भी भगवान हनुमान के पदचिन्ह देखे जा सकते है। वर्ष 2023 में सीता अम्मन मंदिर पर विशेष कवर श्रीलंका द्वारा जारी किया गया था।  

विदेश में गणेश पूजा एवं गणेश प्रतिमाएं

 विदे श    में गणे श    पूजा एवं गणे श    प्रतिमाएं ब्रिटि श  म्यूजियम लंदन और अमेरिका,फ्रांस के प्रमुख म्यूजियम और यूरोप स्थित म्यूजियमों में विभिन्न आकार एवं स्वरूप की गणेश  प्रतिमा प्रदर्षन के लिए उपलब्ध है। जो कि भारत, अंकोर वाट, नेपाल, बांगलादेश  आदि स्थानों से प्राप्त की गई है। विदेश  में निम्नलिखित देषों में गणेश  पूजा का प्रचलन प्राचीनकाल से है और विभिन्न देषों में गणेश  जी को भिन्न-भिन्न नामों से बुलाया जाकर उनकी पूजा अर्चना की जाती है।  1. चीन- चीन के प्राचीन हिन्दू मंदिरों में चारों दिशाओं के द्वार पर गणपति के दर्शन होते हैं, पश्चिम के गणपति को ’’वजूवासी’’ कहते हैं ।  उनके हाथ में धनुष-बाण हैं । पूर्व के गणपति को ’’वजू’’ कहते हैं । उनके हाथ में छोटा छत्र होता है । दक्षिण के गणपति को ’’वजू भक्षक’’ कहते हैं और उनके हाथ में पुष्पमाला है । उत्तर के गणेशजी का नाम ’’वजमुख विनायक’’ है, उनके हाथ में तलवार है । चीन में गणेश जी का प्रवेश ’’विनायक’’रूप में ही हुआ होगा । उनकी मूर्तियां चीनी यात्री ...

भारत में रामायण पर आधारित जारी डाक टिकिट, विशेष आवरण और प्रथम आवरण

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  भारत में रामायण पर आधारित जारी डाक टिकिट, विशेष आवरण और प्रथम आवरण  डाक टिकिट 1. 26 जनवरी 1950 को भारत के स्वतंत्रता दिवस पर सांस्कृतिक  समृद्धि को दर्शाने के लिए साढ़े तीन आने का डाक टिकिट जारी किया गया था जिसमें रामायण की चैपाइयों का अंकन है।  2. 1 अक्टुबर 1952 को अवधी रामायण के रचयिता तुलसीदास पर एक आने का डाक टिकिट जारी किया गया था।  3. 5 अप्रैल 1966 को 15 पैसे का डाक टिकिट कम्ब रामायणम के रचयिता 12वी शताब्दी के कवि कम्बर पर जारी किया गया था।  4. 14 अक्टुबर 1970 को संस्कृत भाषा में रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मिकी पर 20 पैसे डाक टिकिट जारी किया गया था।  5. 15 अप्रैल 1974 को 2 रूपये का डाक टिकिट रावण के दशानन अवतार का डाक टिकिट जारी किया गया था।  6. वर्ष 1991 में कमला देवी चटोपाध्याय द्वारा रामायण पर आधारित रावण के कठपुतली पर 6रू. 50 पैसे का टिकिट जारी किया गया था।  7. 15 अक्टुबर 2000 को मधुबनी-मिथला चित्रकला में 3 रू. का डाक टिकिट बाली और सुग्रीव का आपस में यृद्ध करते हुए दर्शाया गया है।  छायाचित्र क्रमांक-10 8. दिनांक 26.10.2019 को...

देश-विदेश में भगवान गणेश पर जारी नोट सिक्का एवं डाक टिकेट

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 देश-विदेश में भगवान गणेश पर जारी नोट सिक्का एवं डाक टिकेट इंडोनेशिया में 20.08.2020 को 20,000/- तनचपंी का नोट जारी किया गया है जिसमें भगवान गणेश का चित्र अंकित है। मलेशिया में सन् 2016 को गणेश जी के चित्र अंकित 10 बयात का सिक्का जारी किया गया था। नेपाल थाईलैण्ड द्वारा गणेश जी पर डाक टिकट जारी किये गये है। श्री राम जन्म भूमि में निर्माण के दौरान वर्ष 2024 में पांच रूपये का गणेश जी चित्र अंकित डाक टिकिट जारी किया गया है। दतिया स्टेट में स्वतंत्रता के पूर्व आधा आना, दो आना, एक आना, पाव आना के डाक टिकिट जारी किये गये थे। इस प्रकार भारत में सर्वप्रथम दतिया स्टेट द्वारा गणेश जी पर डाक टिकिट जारी किये गये थे। 

रंगई पुल विदिशा, म.प्र.

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 रंगई पुल विदिशा, म.प्र.      पूर्व में विदिशा को भोपाल से जोड़ने के लिए रंगई पुल बना हुआ था जिसका निर्माण सन् 1856 ई. में हुआ था। सन् 1856 के पूर्व सीनियर ग्वालियर महाराज माधव राव सिंधिया का विदिशा दौरा हुआ। मोहन गिरी तालाब के पास वह ठहरे थे। उन्हें जमींदारों को सभा में बुलाया गया था। उस समय नंदवाना स्थित अटा वाले श्रीवास्तव परिवार से जो भौरिया गांव के जमींदार थे उन्हें पहंुचने में देरी हो गई। तब महाराज सिंधिया नाराज हो गए और दो कौड़ी का जुर्माना लगा दिया। तब जमींदार ने जुर्माना माफ करने का आग्रह किया तो महाराज सिंधिया ने रंगई पुल के निर्माण की बात रखी। दो कौड़ी का जुर्माना माफ कराने उस समय इस पुल का निर्माण कराया गया था जो पूर्व में विदिशा को भोपाल से जोड़ता है वर्तमान में विदिशा को भोपाल से जोड़ने के लिए नये पुल का निर्माण कराया गया है।