वेैश्य टेकरी (बौद्ध स्तूप) उज्जैन मध्यप्रदेश

उज्जैेन शहर से लगभग 5-6 किलो मीटर दूरी पर उज्जैन से मक्सी रोड पर ग्राम कानीपुरा के पास स्थित पीलिया खाल नाले  पर दो बौद्ध स्तूप स्थित हैं। जिनकी ऊचाई 100 और ब्यास लगभग 350 फीट है। बौद्ध स्तूप मौर्यकाल के पूर्व के हैं उपरोक्त बौद्ध स्तूपों के समूह को वर्तमान में वेश्या टेकरी के नाम से जाना जाता है। सम्राट अशोक की पत्नि वैश्य पुत्री देवी ने उज्जैन में उक्त बौद्ध स्तूपों को बनवाया था। इसलिए वर्तमान में स्तूप समूह को वेश्या टेकरी के नाम से जाना जाता है। सम्राट अशोक के समय इन्हीं स्तूपों को जीर्णोधार हुआ था क्योंकि यहां से प्राग मौर्य एवं मौर्यकालीन दोनेां प्रकार की ईटें मिलती हैं। उत्खनन के दौरान इन स्तूपों में बौद्ध भिक्षुओं के शरीर के अवशेष प्राप्त हुये हैं। बौद्ध स्तूपों का निर्माण मिट्टी से बनाई गई ईटों से किया गया है वर्तमान में भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा वेश्या टेकरी स्तूपों को संरक्षित घोषित किया गया है। परन्तु स्तूपों से लगी जमीन में संबंधित किसानों द्वारा खेती की जाती है और संबंधित स्तूपों से लगी जमीन से किसानों द्वारा स्तूपों को क्षतिग्रस्त किया जाकर और उनकी मिट्टी तथा ईट को निकालकर स्तूपेां की जमीन को खेती की जमीन में सम्मिलित किया जा रहा है। मौके पर स्तूपेां को संरक्षण के लिए कोई फेंसिंग की ब्यवस्था नहीं है। अतः मौके पर स्तूपेां का संरक्षण अतिआवश्यक है जिसके लिए फेंसिंग लगाया जाना और स्तूपेां के आसपास की जमीन को संरक्षित किया जाना भी आवश्यक है।



 









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