मंदसौर में यशोधर्मन का विजय [ Yashodharman's Victory Pillar in Mandsaur]

                        मंदसौर में यशोधर्मन का विजय स्तम्भ

 

            मंदसौर भारत के मध्यप्रदेश राज्य में उत्तर-पश्चिम स्थित एक प्रमुख शहर है। मंदसौर का प्राचीन नाम दशपुर थायह क्षेत्र दशपुर जनपद के रूप में जाना जाता था,

            मंदसौर में स्थित ग्राम सौंधनी में गुप्त वंश के राजा यशोधर्मन के दो विजय स्तम्भ के अवशेष पाए गए थेजिनकी उंचाई भू-तल से लगभग 40 फीट है। दोनों स्तम्भों पर पुराने संस्कृत लेख गुप्त अक्षरो में खुदे हुए हैजो एक-दूसरे की नकल है। इन बीजकों में यशोधर्मन के कार्यों का उल्लेख कर उन्हें महान राजा बताया गया है कि 6वीं शताब्दी ईसा पूर्व उत्तर भारत के पूर्व भाग पर उनके द्वारा राज्य किया गया था और हूण राजा मिहिर कुल को हराया था। ऐसा प्रतीत होता है कि हूणों की पराजय की यादगार में उक्त विजय स्तम्भ तैयार कराया गया था  स्तम्भों का जीर्णोधार सन् 1982 में भारत सरकार के पुरातत्व विभाग द्वारा किया गया।

       ये स्तम्भ अपने मूल स्थल पर ही रखे गए हैं और स्तम्भ के शीर्ष के भाग भी अवशेष के रूप में हैजो कि चैकोर हैजिनमें विपरीत दिशाओं में देखते हुए दो शेर उकेरे गए है। और उन शेरो के मध्य सामने देखते हुए एक व्यक्ति की आकृति है जिसके मुख से जीभ बाहर की ओर दर्शित हो रही है। एक स्तम्भ को बीच से जोड़कर उसका मूल रूप देने का प्रयास किया गया है। दूसरे स्तम्भ के निचले आधे भाग को खड़ा कर जमीन में गाढ़ कर रखा गया है। शेष हिस्सा भू-तल पर पड़ा हुआ है। स्तम्भ खुदाई में मिले थेउक्त स्थान पर हिंदू देवीदेवताओं की मूर्ति मिली हैजो वर्तमान में रखी है।

          Yashodharman's Victory Pillar in Mandsaur


 


            Mandsaur is a major city located to the northwest of the state of Madhya Pradesh, India. The ancient name of Mandsaur was Dashpur, this area was known as Daspur district,


            At village Saundhani in Mandsaur, the remains of two Vijayan pillars of the Yashodharman of Gupta dynasty were found, whose height is about 40 feet above the ground level. The old Sanskrit articles on both the pillars are engraved in the Gupta letters, which are copy of each other. These invoices mention Yashodharman's works as a great king, ruling him on the east side of North India in the 6th century BCE and defeating the Hun king Mihir Kul. It appears that the said victory pillar was prepared in commemoration of the defeat of the Huns, the pillars were renovated in 1982 by the Archaeological Department of the Government of India.


       These columns are kept at their original site and the top part of the pillar is also in the form of a relic, which is the chakor which has two lions carved in opposite directions. And looking in front of those lions is the figure of a person with the tongue facing outwards. An attempt has been made to give a pillar its original form by connecting it to the middle. The lower half of the second pillar is erected and buried in the ground. The remaining part is lying on the ground floor. The pillars were found in the excavation, the idol of Hindu deities has been found at the said place, which is currently kept.














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